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भारत की हार का जिम्मेदार कौन: सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ #BanIPL, पूछा- क्या तैयारियों के लिए सिर्फ IPL काफी है?

भारतीय स्क्वॉड में मौजूद ज्यादातर खिलाड़ियों ने हाल ही में आईपीएल 2021 खेला था। इनमें से ज्यादातर खिलाड़ियों ने अपनी-अपनी टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया था।

भारत की हार का जिम्मेदार कौन: सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ #BanIPL, पूछा- क्या तैयारियों के लिए सिर्फ IPL काफी है?

टी-20 विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ हारने के बाद टीम इंडिया ग्रुप स्टेज से ही बाहर होने की कगार पर खड़ी है। हार के बाद निराश फैंस ने ट्विटर पर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को बैन करने की मांग तक कर डाली। टीम इंडिया के हारने के बाद #BanIPL ट्रेंड करने लगा। उनका मानना है कि ऐसी लीग का क्या फायदा जिसमें हाल ही में खेलने के बावजूद टीम इंडिया अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या आईपीएल खेलने से ही खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर का दबाव झेलने के काबिल हो पाते हैं?

आईपीएल 2021 में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन

भारतीय स्क्वॉड में मौजूद ज्यादातर खिलाड़ियों ने हाल ही में आईपीएल 2021 खेला था। इनमें से ज्यादातर खिलाड़ियों ने अपनी-अपनी टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया था। कुछ खिलाड़ियों ने खूब रन बनाए थे और कुछ खिलाड़ियों ने काफी विकेट लिए थे। इसके बावजूद कई खिलाड़ी विश्व कप में दबाव नहीं झेल सके और बुरी तरह फ्लॉप रहे।

लीग में एक से दो बेहतरीन गेंदबाजों का सामना होता है

दरअसल लीग मैच के दौरान खिलाड़ी पर कुछ खास दबाव नहीं होता, क्योंकि उन्हें वहां किसी प्रकार का खतरा महसूस नहीं होता और साथ ही पैसे भी मिल रहे हैं। वहां, एक खिलाड़ी को बल्लेबाजी के दौरान एक या दो अच्छे गेंदबाजों का सामना करना होता है।

वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वही बल्लेबाज किसी दूसरे देश के बेस्ट पांच गेंदबाजों का सामना करता है। यही हाल गेंदबाजों के साथ है। लीग में एक से दो अच्छे बल्लेबाज मिलते हैं, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उस गेंदबाज को विपक्षी टीम के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को गेंद फेंकनी होती है।

फुटबॉल से इस तरह मिलता जुलता है आईपीएल  

ये ठीक उसी प्रकार है जैसे फुटबॉल में इंग्लिश प्रीमियर लीग है। कुछ समय पहले तक दुनियाभर के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर्स इस लीग में आकर खेले। इस लीग से कई बड़े प्लेयर्स निकले, अपने देश के लिए शानदार प्रदर्शन किया।

इंग्लैंड की फुटबॉल टीम को भी इससे कई शानदार खिलाड़ी मिले, लेकिन टीम आज तक फीफा विश्व कप नहीं जीत सकी है। यानी इंग्लैंड के फुटबॉलर्स लीग में तो अच्छा खेलते हैं, लेकिन देश का दबाव उनके फुटबॉलर्स झेल पाने में सक्षम नहीं हुए।

टीम मैनेजमेंट को अपने संसाधनों का पता नहीं चल सका

ठीक उसी तरह आईपीएल में खेलने वाले भारतीय खिलाड़ी पिछले सात महीने में सिर्फ दो टी-20 सीरीज खेल पाए। इससे यह हुआ कि कप्तान कोहली और टीम मैनेजमेंट को अपने संसाधनों का पता नहीं चल सका कि ये हमारे स्ट्राइक गेंदबाज हैं और ये हमारे स्ट्राइक बल्लेबाज हैं। मार्च में इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज के बाद कोहली ने कहा था कि वे टी-20 विश्व कप में रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग उतर सकते हैं।

कोहली ने सात महीने में तीन ओपनर्स बदले

इसके लिए कोहली ने पूरे आईपीएल रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए ओपनिंग की। हालांकि, विश्व कप में आते ही उन्होंने केएल राहुल और रोहित को सलामी जोड़ी के तौर पर भेजा। पाकिस्तान के खिलाफ एक मैच हारने के बाद टीम इंडिया दबाव नहीं झेल सकी और उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ प्लेइंग-11 बदल दी। साथ ही अपने मुख्य बल्लेबाज रोहित को तीसरे नंबर पर भेज दिया। ये दबाव टीम इंडिया की हार का मुख्य कारण बनी।

बीसीसीआई को करना है आखिरी फैसला

बहरहाल अब यह बीसीसीआई को सोचना है कि वे इस भारतीय टीम को किस प्रकार ऊपर ला सकते हैं। साथ ही आईपीएल के स्ट्रक्चर को किस प्रकार ढाला जाए ताकि उससे खिलाड़ियों के प्रदर्शन में भी निखार आ सके। भारत को अब 3 नवंबर पर अफगानिस्तान, 5 नवंबर को स्कॉटलैंड और 8 नवंबर को नामीबिया के खिलाफ खेलना है।

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