वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज में रोहित शर्मा पहली बार नियमित वनडे कप्तानी के रूप में मैदान पर उतरे हैं। पहले मैच में उन्होंने कप्तानी के साथ-साथ बल्ले से भी बेहतरीन प्रदर्शन किया और टीम इंडिया को जीत दिलाने में अहम योगदान दिया। इस मैच में दीपक हुड्डा ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला और अच्छी बल्लेबाजी की। उन्होंने सूर्यकुमार यादव के साथ अर्धशतकीय साझेदारी की और टीम इंडिया को जीत दिलाकर ही वापस लौटे।
इस मैच के बाद विराट और रोहित की कप्तानी पर चर्चा होने लगी है। अब विराट तीनों फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ चुके हैं। विराट की जगह रोहित ने वनडे और टी-20 में भारत की कमान संभाल ली है और पूरी संभावना है कि टेस्ट टीम का कप्तान भी उन्हें ही बनाया जाए। रोहित आईपीएल के सबसे सफल कप्तान हैं और उन्होंने पांच बार अपनी टीम को चैंपियन बनाया है। ऐसे में रोहित की कप्तानी की तारीफ हमेशा से होती रही है।
कैसे अलग है रोहित और विराट की कप्तानी
रोहित ऐसे कप्तान हैं, जो अपने खिलाड़ियों को खुलकर खेलने का मौका देते हैं। पूर्व भारतीय स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने बताया है कि रोहित की कप्तानी विराट से कितनी अलग है और युवा खिलाड़ियों को क्यों विराट की तुलना में रोहित ज्यादा पसंद आते हैं। ओझा ने बताया कि रोहित अपने खिलाड़ियों को खुलकर खेलने का मौका देते हैं। इससे युवा खिलाड़ी अपने खेल के अनुसार फैसले लेते हैं और अच्छा प्रदर्शन करते हैं। वहीं विराट की कप्तानी में ये खिलाड़ी दबाव में आ जाते हैं।
प्रज्ञान ओझा ने क्रिकबज से बातचीत में कहा “कोहली इतने ऊर्जावान हैं कि एक खिलाड़ी जिसका स्वभाव उनके जैसा नहीं है, वह खुद को ठीक से व्यक्त नहीं कर पाता … दभाव वाली स्थितियों में युवा खिलाड़ी खुद को नहीं व्यक्त कर पाते। वहीं रोहित चुपचाप रहते हैं। उन्हें पता है कि इन हालातों में आपको अंतर्मुखी खिलाड़ी मिलेंगे। कोहली और रोहित के बीच यही बड़ा अंतर है।”
युवा खिलाड़ियों के लिए रोहित बेहतर कप्तान
ओझा ने आगे कहा कि दोनों खिलाड़ी अपनी टीम के लिए मैच जीतना चाहते हैं, लेकिन कई खिलाड़ी कहते हैं कि वे रोहित के साथ सहज हैं। किसी भी नए खिलाड़ी को खुलने में समय लगता है… और रोहित इसे आसान बनाते है। एक कम बोलने वाला खिलाड़ी विराट के रवैये से थोड़ा डरा हुआ महसूस करता है। लेकिन रोहित के साथ ऐसा नहीं है। हालांकि, दोनों खिलाड़ियों का लक्ष्य भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाना है।