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Team India: वर्ल्ड कप 2023 से पहले नेतृत्व के संकट से जूझ रहा है भारत, टीम के साथ धोनी-कुंबले को जोड़ने की जरूरत

पिछली बार जब भारत में विश्व कप हुआ था, तो टीम इंडिया चैंपियन बनी थी। अब लगभग 12 साल बाद फिर से भारत में विश्व कप होना है, लेकिन इस बार के हालत देखते हुए भारतीय टीम का चैंपियन बनना मुश्किल दिख रहा है।

क्रिकेट वर्ल्ड कप-2023 में एक वर्ष से कुछ अधिक समय बचा है। अगले साल अक्तूबर-नवंबर में भारत ही वर्ल्ड कप का मेजबान है। पिछली बार जब टीम इंडिया ने वर्ष 2011 में वर्ल्ड कप जीता था, तब भी भारत ही मेजबान था। इसलिए क्रिकेट फैन्स को एक बार वही करिश्मा टीम इंडिया से दोहराने की उम्मीद है, लेकिन फिलहाल जो स्थिति नजर आ रही है, उससे तो कतई नहीं लगता कि फैन्स के अरमान पूरे होने वाले हैं। विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने के बाद से भारतीय क्रिकेट टीम नेतृत्व के संकट से जूझ रही है। संकट भी ऐसा है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को कुछ सूझ नहीं रहा है। कप्तानी को लेकर बोर्ड प्रयोग पर प्रयोग कर रहा है। यही स्थिति खिलाड़ियों को लेकर भी है।

विराट कोहली और उससे पहले महेंद्र सिंह धोनी ने बतौर कप्तान लंबी पारियां खेलीं। धोनी टी-20 और वर्ल्ड कप जैसे BCCI बड़े टूर्नामेंट जिताने वाले कप्तान रहे। विराट की कप्तानी में टीम सफल तो रही, लेकिन आईसीसी टूर्नामेंट वो जिता नहीं सके। हां, पिछले वर्ल्ड कप में टीम सेमीफाइनल तक जरूर पहुंची। विराट के बाद रोहित शर्मा को कप्तानी सौंपी जरूर गई, लेकिन जिम्मेदारी मिलने के बाद हिटमैन रोहित सीन से गायब ही हैं। रोहित का रिकॉर्ड टी-20 क्रिकेट में तो बेहतरीन है, लेकिन वनडे में उसकी आजमाइश होनी बाकी है। खैर, फिलहाल वो भी विराट की तरह आउट ऑफ फॉर्म ही हैं।

ऋषभ पंत, हार्दिक पांड्या, शिखर धवन पिछले 10 मैचों में वनडे टीम की कमान संभाल चुके हैं। जहां पंत का जीत का औसत 50 प्रतिशत का रहा है, वहीं हार्दिक पांड्या की कप्तानी में दोनों मैच और शिखर की कप्तानी में तीन में से दो मैच टीम इंडिया जीती है। शिखर को वर्ल्ड कप में शायद ही कप्तानी मिले। उनकी जगह भी वर्ल्ड कप टीम में पक्की रह पाएगी, कहना मुश्किल है। पंत और पांड्या पर एक हद तक टीम इंडिया दांव लगा सकती है। फिर रोहित का क्या होगा? यह भी सवाल है। केएल राहुल की परख भी होनी बाकी है। कुल मिलाकर टीम इंडिया का वर्ल्ड कप में कौन नेतृत्व करेगा, यह कोई क्रिकेट विशेषज्ञ भी बता नहीं सकता है।

नेतृत्व के अलावा वर्ल्ड कप के फाइनल 16 खिलाड़ियों को लेकर भी ऊहापोह वाली स्थिति है। इंडियन प्रीमियर लीग ने टीम इंडिया को ओपनर और फिनिशर तो बहुत सारे दे दिए हैं, लेकिन मिडिल ऑर्डर का संकट बना हुआ है। ओपनिंग जोड़ी से शुरू करें तो रोहित शर्मा के साथ केएल राहुल, ईशान किशन, पृथ्वी शॉ या शुभमन गिल शुरुआत कर सकते हैं। अगर विराट कोहली टीम में बने रहे तो निश्चित ही वो नंबर तीन पर खेलेंगे, लेकिन उन्हें टीम में जगह नहीं मिली तो श्रेयस अय्यर को मौका मिल सकता है। फिलहाल नंबर चार पर तो सूर्यकुमार यादव ही दिख रहे हैं। नंबर पांच पर ऋषभ पंत और नंबर छह पर हार्दिक पांड्या को खिलाया जाना चाहिए। पांड्या एक गेंदबाज की कमी को भी दूर करते हैं। रवींद्र जड़ेजा नंबर सात पर खेल सकते हैं। पांड्या की तरह वो भी बेहतरीन ऑलराउंडर हैं। संकट से टीम को निकालने की महारत रखते हैं।

बॉलिंग में जसप्रीत बुमराह की सीट तो पक्की नजर आती है। तेज गेंदबाजों में भुवनेश्वर कुमार, दीपक चाहर, मो. सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, मो. शमी को मौका मिल सकता है। चूंकि वर्ल्ड कप भारतीय पिचों पर खेला जाएगा तो स्पिनर्स पर सबकी नजरें रहेंगी। यजुवेंद्र चहल, राहुल चाहर, कुलदीप यादव को मौका मिल सकता है। वैसे टीम में आर. अश्विन को वर्ल्ड कप के लिए अंतिम मौका मिलना चाहिए। हालांकि, उनके लिए टीम में जगह बनाना आसान नहीं होगा। संजू सैमसन, दीपक हुड्डा, राहुल त्रिपाठी, ऋतुराज गायकवाड़, दिनेश कार्तिक जैसे प्रतिभावान खिलाड़ियों को वर्ल्ड कप टीम में जगह बनाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ेगी। रियान पराग, अक्षर पटेल, नितीश राणा टीम में जगह बनाने वाले छुपा रुस्तम खिलाड़ी हो सकते हैं।

BCCI के सामने चुनौती यह है कि इंडियन प्रीमियम लीग (IPL) से थोक के भाव खिलाड़ी तो निकल रहे हैं, लेकिन बड़े टूर्नामेंट्स में खेलने वाले टैलेंट की कमी नजर आ रही है। दूसरी आईपीएल के चलते क्लब क्रिकेट को तो देश में खूब बढ़ावा मिल रहा है, लेकिन 50 ओवर और टेस्ट क्रिकेट के प्रति खिलाड़ियों की रुचि घट गई है। यहां तक की विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे स्टार खिलाड़ी आईपीएल को पूरी गंभीरता से लेते हैं, लेकिन टीम इंडिया के कई दौरों से किनारा कर लेते हैं। पिछले दिनों पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने इस पर तंज कसा था कि एक कंपनी का सीईओ भी इतनी छुट्टी नहीं लेता, जितना आराम हमारे खिलाड़ियों को चाहिए होता है। सच भी है, खेल से ज्यादा धन ये खिलाड़ी ब्रांड प्रमोशन से कमा रहे हैं।

यदि BCCI वाकई चाहता है कि वर्ल्ड कप-23 टीम इंडिया जीते तो कप्तान और खिलाड़ियों के नामों का ऐलान बिना विलंब कर देना चाहिए। एक साल का समय वर्ल्ड कप की तैयारियों के लिए बेहद कम है। फिर जब आप खुद मेजबान हों तो अपेक्षा बढ़ जाती हैं। सौरव गांगुली बीसीसीआई से जुड़े ही हुए हैं। साथ ही, वर्ल्ड कप टीम के साथ राहुल द्रविड़, महेंद्र सिंह धोनी, अनिल कुंबले, वीरेंद्र सहवाग जैसे पूर्व कप्तानों को जोड़ने की जरूरत है। ये ना हो की प्रयोग चलते रहें… और पानी बह जाए।

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