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T20 World Cup: इंग्लैंड की टीम से बाहर हो सकते हैं कप्तान मॉर्गन, बोले- टीम और वर्ल्डकप के बीच नहीं आऊंगा
इंग्लैंड के कप्तान इयोन मॉर्गन ने कहा है कि वो खुद को टीम से बाहर करने के लिए तैयार हैं। अगर उनके बाहर रहने से टीम मजबूत होती है तो वो खुद को टीम से बाहर करने से पीछे नहीं हटेंगे।
T20 World Cup: इंग्लैंड की टीम से बाहर हो सकते हैं कप्तान मॉर्गन, बोले- टीम और वर्ल्डकप के बीच नहीं आऊंगा
इंग्लैंड टी-20 टीम के कप्तान इयोन मॉर्गन खुद को टीम से बाहर कर सकते हैं। खराब फॉर्म से जूझ रहे मॉर्गन ने खुद यह बात कही है। मॉर्गन ने कहा है कि वो इंग्लैंड टीम और वर्ल्डकप के बीच में नहीं आएंगे। मॉर्गन लंबे समय से टी-20 क्रिकेट में रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं और इस साल उनका फॉर्म बेहद खराब रहा है। उन्होंने इस साल 16.63 के औसत से रन बनाए हैं और इस दौरान उनका सर्वाधिक स्कोर 47 रन रहा है। हालांकि इस दौरान उनकी कप्तानी शानदार रही है और उन्होंने अपनी आईपीएल टीम कोलकाता की कप्तानी करते हुए उसे फाइनल में भी पहुंचाया था।
खुद को टीम से बाहर करने के सवाल पर उन्होंने ईएसपीएन से बातचीत में कहा “मैं हमेशा से खुद को टीम से बाहर करने के लिए तैयार रहता हूं। मैं टीम के वर्ल्डकप जीतने के रास्ते में नहीं आऊंगा। मैंने इस साल रन नहीं बनाए हैं, लेकिन मेरी कप्तानी काफी बेहतर रही है। इसलिए जवाब हां है। मैं गेंदबाजी नहीं करता हूं और सीनियर खिलाड़ी होने के नाते टीम के लिए मैदान में कोई योगदान नहीं दे रहा हूं, लेकिन इस दौरान मैंने अपननी कप्तानी का मजा उठाया है। जहां तक मेरी बल्लेबाजी का सवाल है, अगर मेरा खराब फॉर्म जारी रहता है तो मैं टीम में नहीं रहूंगा। टी-20 क्रिकेट में और खासकर जिस स्थान पर मैं बैटिंग करता हूं, मुझे अक्सर जोखिम भरे शॉट खेलने पड़ते हैं, लेकिन यही मेरा काम है। मैं ऐसा करना जारी रखूंगा, अगर टीम मुझे ऐसा करने के लिए कहती है।”
वनडे और टी-20 ट्रॉफी एक साथ जीत सकता है इंग्लैंड
इंग्लैंड की टीम मौजूदा समय में वनडे वर्ल्डकप की चैंपियन है और उसके पास टी-20 वर्ल्डकप भी जीतने का मौका है। अगर इंग्लैंड ऐसा कर पाती है तो वह पहली टीम होगी, जिसके पास वनडे और टी-20 दोनों टूर्नामेंट की ट्रॉफी एक साथ होगी। हालांकि दुबई के हालात इंग्लैंड के लिए काफी मुश्किल हैं और भारत को इस साल ट्राफी जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। इस पर मॉर्गन ने कहा “अगर हम ऐसा कर पाते हैं तो यह बहुत ही खास होगा। पिछले पांच-छह सालों में हमारे पास जिस तरह के खिलाड़ी रहे हैं और कुछ नए खिलाड़ी जिन्होंने अपना नाम बनाया है सभी मिलकर इंग्लैंड को बहुत ही मजबूत टीम बनाते हैं। निश्चित रूप से घर से बाहर खेलना एक बड़ी चुनौती रहती है। 2016 के बाद पहली बार हम कोई टूर्नामेंट खेल रहे हैं, जहां हम ट्रॉफी जीतने के प्रबल दावेदार नहीं हैं। हमारे सामने चुनौतियां हैं, लेकिन हमनें पहले भी इन पर जीत हासिल की है और फिर से ऐसा करने के लिए देख रहे हैं।”
2010 में भी मुश्किल हालातों में जीता था इंग्लैंड
मॉर्गन ने कहा कि 2019 के बाद से इंग्लैंड की टीम ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। इस वर्ल्डकप के अलावा अगले साल भी इंग्लैंड के पास वर्ल्डकप जीतने का मौका है। सुपर 12 फॉर्मेट में अच्छी टीमों के पास वापसी के ज्यादा मौके हैं। इस फॉर्मेट में सभी टीमों के पास ज्यादा मैच रहते हैं और सिर्फ एक मैच नॉकआउट दौर में पहुंचने के लिए काफी नहीं होता। उन्होंने 2009 का टूर्नामेंट भी याद किया, जब इंग्लैंड की टीम नॉकआउट राउंड से बाहर हो गई थी और 2010 में श्रीलंका में ट्रॉफी अपने नाम की थी। साथ ही 2016 में इंग्लैंड को फाइनल मैच में हार का सामना करना पड़ा था। इस साल इंग्लैंड 23 अक्तूबर को वेस्ट इंडीज के खिलाफ अपना पहला वर्लडकप मैच खेलेगी।