International Matchesटेकताजा खबरदेशन्यूज़बड़ा-पर्दाबड़ी-खबरस्पोर्ट्स

Harbhajan Singh Retirement: जानिए भज्जी के 5 बड़े विवाद, शोएब अख्तर से लेकर एंड्रय साइमंड्स तक से भिड़ चुके हैं हरभजन

Harbhajan Singh Retirement: जानिए भज्जी के 5 बड़े विवाद, शोएब अख्तर से लेकर एंड्रय साइमंड्स तक से भिड़ चुके हैं हरभजन

1998 में 17 साल की उम्र में एक पतले दुबले से लड़के ने टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया था। कद काठी में ठीक-ठाक, लेकिन शरीर से बिलकुल हलके होने की वजह से उन्हें किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। यह खिलाड़ी और कोई नहीं बल्कि हरभजन सिंह थे। इस खिलाड़ी में शुरुआत से ही खेल के लिए लड़ जाने और अंत तक हार न मानने वाले जुनून था।  बाद में चलकर हरभजन भारत के मुख्य अस्त्र बने।

टेस्ट में उनके नाम 417 विकेट हैं और वह भारत के चौथे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। अपने 23 साल लंबे करियर में उन्होंने कई दिग्गज बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। भज्जी अपने पसंदीदा खेल में कुछ भी गलत होते नहीं देख सकते थे। इस वजह से वह कई बार विपक्षी खिलाड़ियों से भिड़ जाते थे। पाकिस्तान के शोएब अख्तर से लेकर ऑस्ट्रेलिया के एंड्र्यू साइमंड्स, भज्जी कई खिलाड़ियों से भिड़ चुके हैं। वह कई बार विवादों में भी रहे। आइए जानते हैं भज्जी के टॉप पांच विवादों के बारे में…

साइमंड्स के साथ ‘मंकीगेट’ विवाद

भारतीय टीम 2008 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गई थी। तब हरभजन सिंह और एंड्र्यू साइमंड्स के बीच मंकीगेट विवाद हुआ था। सिडनी में खेले गए टेस्ट के दौरान साइमंड्स ने भज्जी पर नस्लीय टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। साइमंड्स का आरोप था कि हरभजन ने उन्हें मंकी (बंदर) कहा था।

आईसीसी में नस्लीय टिप्पणी करने को लेवल तीन का अपराध माना जाता है। इसमें आरोप सिद्ध होने पर खिलाड़ी पर दो से चार टेस्ट में बैन तक लग सकता है। तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद रेफरी के सामने सुनवाई शुरू हुई। भज्जी को दोषी मानते हुए तीन मैचों का बैन लगा दिया गया। इसके बाद अनिल कुंबले की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने हरभजन के साथ डटे रहने का फैसला किया।

भारतीय टीम ने अगले प्रैक्टिस मैच के लिए कैनबरा जाने से इनकार कर दिया। टीम इंडिया ने बता दिया कि अगर भज्जी पर से नस्लभेदी टिप्पणी के आरोप वापस नहीं लिए गए तो वो दौरा रद्द करके वापस लौट जाएंगे। इसमें बीसीसीआई ने भी भारतीय टीम का साथ दिया।

इसके बाद मामला सिडनी कोर्ट तक पहुंच गया था। तीन मैचों के बैन के खिलाफ अपील की गई। अपील में यह फैसला सुनाया गया कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे साबित हो सके कि भज्जी ने रंगभेदी टिप्पणी की थी। हरभजन से तीन टेस्ट मैच का प्रतिबंध हटा दिया गया।

भज्जी-श्रीसंत स्लैपगेट विवाद

2008 में आईपीएल का पहला सीजन खेला गया था। मोहाली के मैदान पर मुंबई इंडियंस और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच मैच खेला जा रहा था। हरभजन मुंबई और एस श्रीसंत पंजाब की टीम से खेल रहे थे। पंजाब ने मुंबई को उस मैच में हरा दिया। मैच के दौरान श्रीसंत को रोते हुए मैदान से बाहर आते देखा गया। मैच के बाद श्रीसंत ने हरभजन को कुछ कहा, जिसके बाद भज्जी ने गुस्से में श्रीसंत को चांटा जड़ दिया।

हरभजन सिंह को श्रीसंत को थप्पड़ मारना भारी पड़ा और उन्हें लीग के बाकी मैचों से बाहर कर दिया गया। श्रीसंत ने हाल ही में बताया था कि उन्होंने आखिर हरभजन को ऐसा क्या कहा था, जिस पर यह प्रतिक्रिया आई थी। श्रीसंत ने कहा कि उन्होंने हरभजन को ‘पंजाब मुंबई को हराएगा,  पंजाब मुंबई को हराएगा’ कहा था।

एशिया कप में शोएब अख्तर से विवाद

2010 में श्रीलंका में खेले गए एशिया कप के दौरान हरभजन ने पाकिस्तान के खिलाफ छक्का लगाकर भारत को मैच जिताया था। मैच में भारतीय पारी के दौरान 47वें ओवर में दोनों के बीच झड़प हुई थी। इसी के बाद भज्जी ने अख्तर की गेंद पर छक्का मार दिया था।

रावलपिंडी एक्सप्रेस ने भी बाउंसर से इसका जवाब दिया था। इसके बाद दोनों भिड़ गए थे। हरभजन ने 11 गेंद पर 15 रन की पारी खेली थी। हरभजन ने इस मैच में मोहम्मद आमिर की गेंद पर छक्का लगाया था। इसको लेकर भी दोनों के बीच ट्विटर पर भिड़ंत हुई थी। टीम इंडिया वह मैच 3 विकेट से अपने नाम करने में सफल रही थी।

रिकी पोंटिंग के साथ विवाद

हरभजन सिंह का ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग से हमेशा से ही छत्तीस का आंकड़ा रहा है। 1998 में हरभजन को पहली बार टीम इंडिया में मौका मिला। 17 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भज्जी पहली बार वनडे सीरीज खेलने उतरे थे। शारजाह में उन्होंने रिकी पोंटिंग को खूब परेशान किया था। इसके बाद उन्होंने पोंटिंग को चकमा देकर स्टंप करवा दिया।

पोंटिंग को आउट करने के बाद भज्जी ने पोंटिंग को सेंड ऑफ किया था यानी उन्हें पवेलियन जाने का इशारा किया था। इस पर पोंटिंग भड़क गए और भजजी की ओर बढ़े और फिर कुछ सोचकर वापस लौट गए। भज्जी की इस हरकत को आईसीसी की आचार संहिता का उल्लंघन माना गया, जिसकी वजह से उन पर जुर्माना और एक मैच का प्रतिबंध लगाया गया।

ऐड विवाद

2006 में हरभजन को एक और विवाद का सामना करना पड़ा था। हरभजन सिंह ने तब एक शराब की कंपनी के लिए एक विज्ञापन किया था। इस विज्ञापन में हरभजन बिना पगड़ी के नजर आए थे। सिख समुदाय ने इसके लिए भज्जी की जमकर आलोचना की थी। बिना पगड़ी के ऐड करने के साथ-साथ एक शराब कंपनी के लिए विज्ञापन करने के लिए उन्हें लोगों ने घेर लिया। अंत में कंपनी को यह ऐज हटानी पड़ी। हरभजन ने भी बाद में लोगों से माफी मांगी थी।

इन तमाम विवादों के बावजूद हरभजन टीम इंडिया के दिग्गज खिलाड़ी रहे। वे 2007 टी-20 विश्व कप और 2011 विश्व कप दोनों में जीतने वाली टीम इंडिया के सदस्य रहे थे। भज्जी ने सिर्फ एक नहीं, बल्कि कई मौकों पर भारतीय टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया। 2011 विश्व कप जीतने के बाद भज्जी अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए थे और बीच मैदान रोने लगे थे। भज्जी के ‘दूसरा’ का आजतक किसी बल्लेबाज के पास कोई तोड़ नहीं है। हरभजन हमेशा टीम इंडिया के महान स्पिनरों में शुमार किए जाएंगे।

Tags
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Close
Close