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हलाल मीट पर बवाल: भारतीय खिलाड़ियों के डाइट प्लान में हलाल मीट जरूरी, फैंस ने सोशल मीडिया पर दिखाया गुस्सा

बीसीसीआई ने भारतीय खिलाड़ियों का जो डाइट चार्ट दिया है। उसमें खिलाड़ियों के लिए हलाल मीट जरूरी है। इस चार्ट के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर खूब बवाल हो रहा है।

हलाल मीट पर बवाल: भारतीय खिलाड़ियों के डाइट प्लान में हलाल मीट जरूरी, फैंस ने सोशल मीडिया पर दिखाया गुस्सा

भारतीय क्रिकेट बोर्ड अब हलाल मीट के नए विवाद में फंसता दिख रहा है। कानपुर टेस्ट से पहले भारतीय खिलाड़ियों का डाइट चार्ट होटल के साथ शेयर किया गया है, जिसमें हलाल मीट अनिवार्य है। यह डाइट चार्ट सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद बीसीसीआई को जमकर ट्रोल किया जा रहा है। कई फैंस ने इस मामले में नाराजगी जताई है। इस चार्ट में यह भी साफ किया गया है कि खिलाड़ियों को गाय और सुअर का मांस नहीं परोसा जाना चाहिए। इस चार्ट के जरिए बीसीसीआई खिलाड़ियों की फिटनेस बनाए रखना चाहता था, लेकिन हलाल शब्द के चलते वह फैंस के निशाने पर आ गया।

फैंस ने बीसीसीआई पर हलाल मीट का समर्थन करने का आरोप लगाया है। स्पोर्ट्स तक की खबर के अनुसार बीसीसीआई ने हलाल मीट को अनिवार्य करने के साथ गाय और सुअर के मांस पर पाबंदी लगाई है। बोर्ड ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि खिलाड़ी ज्यादा चर्बी वाला मांस खाकर अपनी सेहत न खराब करें और उन्हें मैच के दौरान परेशानी न हो।

हलाल मीट क्या है

हलाल में जानवर को आराम से मारा जाता है ताकि उसका पूरा खून बह जाए। इसमें जानवर धीरे-धीरे मरता है। इस्लाम में यह प्रथा बहुत प्रचलित है और इस धर्म का पालन करने वाले लोग सिर्फ हलाल मीट ही खाते हैं। वहीं झटके से जानवर को मारने उसकी रक्त कोशिकाओं में खून के थक्के रह जाते हैं। विज्ञान के अनुसार दोनों तरह के मांस में बराबर पोषक तत्व होते हैं। अभी तक ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं कि कौन से मांस का सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक है।

हलाल मीट को लंबे समय तक रखा जा सकता है

हलाल मीट को लंबे समय तक संभालकर रखा जा सकता है क्योंकि उसमें खून के थक्के नहीं होते हैं। वहीं झटके से काटे गए जानवर के मांस को संभालकर रखना मुश्किल होता है, क्योंकि इसके अंदर रहने वाला खून इसे जल्दी खराब कर देता है।

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