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‘क्रिकेट ऐसे ही खेला जाना चाहिए’ – बाएं-दाएं संयोजन पर गंभीर

भारत की नई रणनीति को गंभीर का समर्थन
भारतीय क्रिकेट टीम ने हाल ही में वनडे प्रारूप में बल्लेबाजी क्रम में एक नए दृष्टिकोण को अपनाया है, जिसमें शीर्ष पांच दाएं हाथ के बल्लेबाजों की एकरूपता को तोड़ने के लिए एक बाएं हाथ के बल्लेबाज को ऊपरी क्रम में भेजा जाता है। मुख्य कोच गौतम गंभीर इस रणनीति के मुखर समर्थक हैं और इसे क्रिकेट खेलने का सही तरीका मानते हैं।
गंभीर के नेतृत्व में, भारत ने पिछले साल जुलाई में श्रीलंका के खिलाफ तीन वनडे मैचों में यह प्रयोग शुरू किया था। उस सीरीज में वॉशिंगटन सुंदर, शिवम दुबे और ऋषभ पंत को नंबर-4 पर आजमाया गया, जबकि नियमित बल्लेबाज श्रेयस अय्यर को निचले क्रम में धकेला गया।
अब, छह महीने बाद, यह प्रयोग इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में जारी रहा, जहां अक्षर पटेल ने नंबर-5 पर बल्लेबाजी करते हुए महत्वपूर्ण पारियां खेलीं और गंभीर की रणनीति को सही साबित किया।
गंभीर ने रणनीति को बताया क्रिकेट खेलने का सही तरीका
वनडे सीरीज में जीत के बाद गंभीर ने इस रणनीति का बचाव करते हुए कहा:
“क्रिकेट ऐसे ही खेला जाना चाहिए। मैं जानता हूं कि इस पर बहुत चर्चा होती है, लेकिन हमें खेल को इसी तरह खेलना होगा। यह सिर्फ बल्लेबाजी क्रम के बारे में नहीं है, बल्कि इस बारे में है कि कौन कितना प्रभाव डाल सकता है।”
गंभीर ने आगे कहा कि यदि टीम के पास एक गुणवत्तापूर्ण बाएं हाथ का बल्लेबाज उपलब्ध है, तो उसे ऊपरी क्रम में भेजने में कोई हर्ज नहीं है।
“यदि आपके पास शीर्ष क्रम में एक अच्छा बाएं हाथ का बल्लेबाज शामिल करने का विकल्प है, तो आप ऐसा क्यों नहीं करेंगे? हम केवल दाएं हाथ के बल्लेबाजों से ही शीर्ष पांच क्यों भरें?”
पिछले कोच राहुल द्रविड़ की विचारधारा से अलग दृष्टिकोण
यह रणनीति पिछले कोच राहुल द्रविड़ की सोच से काफी अलग है। द्रविड़ के कार्यकाल में, भारत ने 2023 वनडे वर्ल्ड कप के दौरान रोहित शर्मा, शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर और केएल राहुल जैसे पूरी तरह दाएं हाथ के बल्लेबाजों के साथ खेला था और फाइनल तक का सफर तय किया था।
गंभीर ने इस संदर्भ में स्पष्ट किया कि टीम सिर्फ आंकड़ों पर निर्भर नहीं करती:
“हम औसत और आंकड़ों को नहीं देखते। हम देखते हैं कि कौन उस क्रम पर अधिक योगदान दे सकता है।”
उन्होंने अक्षर पटेल की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी भूमिका में शानदार प्रदर्शन किया है।
“अक्षर ने जब भी मौका मिला, बेहतरीन प्रदर्शन किया। इंग्लैंड के खिलाफ दोनों मैचों में उन्होंने अपना योगदान दिया, और यही हमारी भविष्य की रणनीति होगी।”
वरुण CV की चौंकाने वाली एंट्री
भारत ने हाल ही में एक और चौंकाने वाला चयन किया है। वरुण चक्रवर्ती (Varun CV), जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टी20 में शानदार प्रदर्शन किया था, को वनडे टीम में शामिल किया गया और कटक में खेले गए मैच में मौका दिया गया। इसके बाद, उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए भी टीम में शामिल किया गया, जबकि यशस्वी जायसवाल को बाहर कर दिया गया।
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भारत की 15 सदस्यीय टीम में अब पांच स्पिन गेंदबाज शामिल हैं, जबकि सिर्फ तीन तेज गेंदबाज – मोहम्मद शमी, अर्शदीप सिंह और हर्षित राणा हैं। इस फैसले ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या टीम में इतनी अधिक स्पिन गेंदबाजी की जरूरत थी?
गंभीर ने इस पर सफाई देते हुए कहा:
“हमने वरुण को इसलिए चुना क्योंकि हमें मध्य ओवरों में एक विकेट लेने वाला गेंदबाज चाहिए था। वह उन टीमों के लिए एक्स-फैक्टर साबित हो सकते हैं, जिन्होंने उन्हें ज्यादा नहीं खेला है।”
उन्होंने यह भी कहा कि यशस्वी जायसवाल का भविष्य उज्ज्वल है, लेकिन सीमित स्थान के कारण उन्हें बाहर रखा गया।
“हम यशस्वी की प्रतिभा को नकार नहीं सकते, लेकिन हमें केवल 15 खिलाड़ियों का चयन करना था।”
केएल राहुल बने रहेंगे पहली पसंद के विकेटकीपर
गंभीर ने पुष्टि की कि केएल राहुल ही भारत के नंबर-1 विकेटकीपर बने रहेंगे, हालांकि टीम में ऋषभ पंत भी मौजूद हैं।
“जब टीम में दो विकेटकीपर होते हैं, तो आप दोनों को नहीं खिला सकते। इस समय, केएल राहुल पहली पसंद के विकेटकीपर हैं, लेकिन अगर भविष्य में जरूरत पड़ी, तो ऋषभ को भी मौका मिल सकता है।”
यह बयान रोहित शर्मा के संकेतों की पुष्टि करता है, जिन्होंने पहले ही साफ कर दिया था कि केएल राहुल ही प्लेइंग इलेवन में शामिल होंगे।
गौतम गंभीर के नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट टीम एक नए प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रही है, जहां बाएं-दाएं हाथ के संयोजन को प्राथमिकता दी जा रही है। अक्षर पटेल का नंबर-5 पर खेलना इस रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इसके अलावा, चैंपियंस ट्रॉफी के लिए वरुण CV को टीम में शामिल करने का फैसला भी चयन रणनीति में बदलाव को दर्शाता है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह नया दृष्टिकोण बड़े टूर्नामेंट में भारत के लिए फायदेमंद साबित होता है या नहीं।