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Sourav Ganguly: रोहित शर्मा की कप्तानी पर बोले गांगुली- वह धैर्य से काम लेने वाले कप्तान है, उन्हें थोड़ा समय दें
गांगुली ने कहा है कि धोनी और कोहली जैसे कप्तानों के साथ तुलना करने से पहले रोहित को थोड़ा समय दिया जाना चाहिए। वो धैर्य से काम लेने वाले कप्तान हैं और समय के साथ नतीजे देंगे।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने रोहित की कप्तानी पर अहम बयान दिया है। उन्होंने रोहित शर्मा को धैर्य से काम लेने वाला कप्तान करार देते हुए कहा कि मुंबई के इस क्रिकेटर को परिणाम देने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए। 35 साल के रोहित ने विराट कोहली के बाद सभी प्रारूपों में टीम इंडिया की कमान संभाली है। इसके बाद सात अन्य खिलाड़ी भारत की कप्तानी कर चुके हैं।
गांगुली मुंबई इंडियंस के लिए रिकॉर्ड पांच इंडियन प्रीमियर लीग खिताब जीतने वाले रोहित से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी और कोहली जैसों से तुलना से पहले उन्हें पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। गांगुली ने ‘आधुनिक भारत में नेतृत्व क्षमता’ पर बंगाल पीयरलेस के कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘रोहित शर्मा स्पष्ट रूप से थोड़े शांत हैं जो चीजों को बहुत धैर्यपूर्ण और सतर्क तरीके से लेते हैं, न कि कोई ऐसा जो काफी आक्रामक हो।’’
गांगुली ने अपने संन्यास के बाद से भारतीय कप्तानों से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘भारत ने पिछले कुछ वर्षों में कुछ महान कप्तान दिए हैं। धोनी जिन्होंने बदलाव के दौर को शानदार तरीके से संभाला और केवल भारत के लिए नहीं बल्कि अपनी फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स के लिए भी सफलता हासिल की। इसके बाद विराट कोहली आए जिनका रिकॉर्ड भी शानदार है। वह एक अलग तरह के कप्तान थे, उन्होंने चीजों को अलग तरह से किया। हर व्यक्ति अलग तरीका होता है, लेकिन जो मायने रखता है वह परिणाम है और आपके पास कितनी जीत और हार हैं। मैं कप्तानों की तुलना नहीं करता, हर किसी का नेतृत्व करने का अपना तरीका होता है।’’
आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2003 विश्व कप फाइनल में गांगुली के पहले गेंदबाजी करने के फैसले की थोड़ी आलोचना हो सकती है, क्योंकि रिकी पोटिंग की अगुवाई वाली टीम ने दो विकेट पर 359 रन बनाए लेकिन तत्कालीन भारतीय कप्तान को अपने फैसले पर कोई मलाल नहीं है। इस मैच में भारत को हराकर आस्ट्रेलिया ने 125 रन के विशाल अंतर से लगातार दूसरा विश्व कप खिताब जीता था।
गांगुली ने कहा, ‘‘मैं पीछे मुड़कर नहीं देखता। मैं निराश था कि मैं फाइनल हार गया लेकिन मुझे नहीं लगता कि टॉस फाइनल हारने का कारण था। हम अच्छा नहीं खेले।’’
भारतीय फुटबॉल पर फीफा के प्रतिबंध के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं फुटबॉल से नहीं जुड़ा इसलिए मैं इस सवाल का जवाब नहीं दे पाऊंगा, लेकिन मुझे लगता है कि हर खेल निकाय की एक प्रणाली होती है, हर खेल निकाय के अपने नियम होते हैं। बीसीसीआई (BCCI) में भी हमारे नियम और दिशानिर्देश हैं।’’