क्रिकेट में आज एक और युग का अंत हो गया। भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने शनिवार (15 मार्च) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। तीन महीने में कोहली क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में कप्तानी से हट गए। पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप से ठीक पहले खुद कप्तानी छोड़ी थी तो दक्षिण अफ्रीका जाने से पहले वनडे में कप्तान पद से हटाए गए। अब अफ्रीकी दौरे पर टेस्ट सीरीज हारने के बाद टेस्ट की कमान छोड़ दी। उन्होंने 23 लाइन के नोट में दो लोगों के नाम लिए। पूर्व कोच रवि शास्त्री और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को शुक्रिया कहना नहीं भूले, लेकिन पूर्व कोच अनिल कुंबले और मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ का नाम भी नहीं लिया।
कोहली ने इस्तीफा देते हुए अपने नोट में लिखा- मैंने टीम इंडिया को सही दिशा में ले जाने के लिए कड़ी मेहनत की है। मैंने सात साल तक अपना काम पूरी ईमानदारी से किया और कुछ भी नहीं छोड़ा। सभी चीजें एक समय पर आकर रुक जाती हैं। मेरे लिए भी अब बतौर टेस्ट कप्तान रुकने का यही समय है। इस सफर में मेरे लिए कई अच्छे पल आए और बुरे पल भी देखने को मिले, लेकिन मैंने कभी कोशिश में कमी नहीं की और टीम पर विश्वास करना नहीं छोड़ा। मैंने हमेशा मैदान पर 120 फीसदी देने का प्रयास किया है। अगर मैं ऐसा नहीं कर पा रहा हूं तो मुझे लगता है कि यह करना सही नहीं है। मेरा दिल पूरी तरह साफ है और मैं अपनी टीम के साथ बुरा नहीं कर सकता।
विराट ने इसके आगे लिखा- मैं बीसीसीआई को इतने लंबे समय तक अपने देश का नेतृत्व करने का अवसर देने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं अपने साथियों का भी धन्यवाद कहना चाहता हूं जिन्होंने पहले दिन से मुझपर भरोसा किया। उन्होंने किसी भी परिस्थिति में अपने हथियार नहीं डाले। साथियों ने मेरे सफर को यादगार और खूबसूरत बना दिया। रवि भाई (रवि शास्त्री) और सपोर्ट स्टाफ इस सफर में इंजन की तरह थे। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को लगातार ऊंचा उठाया। सबने मेरे सपने को हकीकत में बदलने में अहम भूमिका निभाई। अंत में सबसे ज्यादा शुक्रिया मैं महेंद्र सिंह धोनी को कहना चाहता हूं। उन्होंने एक कप्तान के लिए मेरे ऊपर भरोस जताया। इस लायक मुझे समझा कि मैं क्रिकेट को आगे लेकर जा सकता हूं।
विराट के इस नोट में रवि शास्त्री और धोनी का जिक्र तो आता है, लेकिन उनके समय कोच रहे अनिल कुंबले, वरिष्ठ खिलाड़ी रोहित शर्मा और मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ का नाम नहीं होने पर क्रिकेट प्रेमी हैरान हैं।
आइए जानते हैं क्यों विराट ने जाते–जाते कुंबले, रोहित और द्रविड़ का नाम नहीं लिया:
कुंबले के साथ हुआ विवाद: कोहली और कुंबले के बीच विवाद 2017 के मार्च में शुरु हुआ था। ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत के दौरे पर थी और धर्मशाला में उसे टेस्ट मैच खेलना था। कोहली उस मैच में चोट के कारण बाहर थे। कप्तानी अजिंक्य रहाणे कर रहे थे। कोच ने कुलदीप यादव को प्लेइंग-11 में शामिल किया तो नियमित कप्तान विराट अमित मिश्रा को रखना चाहते थे। माना जाता है कि विराट को बताए बिना कुलदीप को टीम में रखा गया। इससे वे खफा हो गए और कोच से बातचीत बंद कर दी।
इसके अलावा किसी दौरे पर पत्नी या गर्लफ्रेंड को ले जाने को लेकर विवाद हुआ तो कभी विराट को कुंबले का अनुशासन पसंद नहीं आया। एक बात और जब कुंबले कोच बने थे तो उससे पहले रवि शास्त्री टीम के डायरेक्टर थे। उनका प्रभाव टीम पर था और उनके काम को खिलाड़ियों ने पसंद भी किया था। कोहली खुद शास्त्री को बतौर कोच देखना चाहते थे। ताबूत में अंतिम कील चैंपियंस ट्रॉफी में मिली हार ने ठोक दी। पाकिस्तान के खिलाफ मिली हार के बाद कुंबले को बाहर जाना पड़ा।
रोहित शर्मा नहीं थे कोहली की योजनाओं से खुश: सीमित ओवरों की क्रिकेट में रोहित शर्मा जैसा कोई नहीं है। यहां तक कि कई मौकों पर विराट भी उनके सामने फीके पड़ जाते हैं। रोहित कई बार विराट की योजनाओं से नाराज दिखे। आईसीसी टूर्नामेंट में मिली हर हार के बाद रोहित ने दबी जुबान में कोहली की बुराई की। उन्हें लगता था कि विराट के पास कोई प्लान बी नहीं होता और इसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ता है। विराट को यह बात पसंद नहीं आती है। वे अपने मन से टीम को चलाने में विश्वास रखते थे।
राहुल द्रविड़ के आने से खत्म हुआ कोहली: यूं तो द्रविड़ और कोहली के बीच कोई विवाद नहीं हुआ, लेकिन पिछले साल के अंत में जब इस पूर्व कप्तान को टीम का कोच बनाया गया तो लोग कहने लगे कि अब विराट युग समाप्त हो जाएगा। द्रविड़ स्वभाव से शांत तो कोहली उग्र। राहुल के आते ही कोहली को वनडे की कप्तानी से हटाया गया। रोहित शर्मा को टी20 के साथ-साथ वनडे का भी कप्तान बनाया गया। कोहली का कद टीम में छोटा हुआ और रोहित का बड़ा। द्रविड़ ने कोच बनते ही कहा था कि टीम में बड़े बदलाव होंगे। शायद कोहली तभी समझ गए थे कि पूर्व कप्तान के आने से अब उनकी नहीं चलेगी।